न्यू मीडिया/सोशल मीडिया पर हिन्दी में अब तक सबसे बेहतरीन व गंभीर कार्य के रूप में हंस का मीडिया विशेषांक-2018 पाठकों के लिए उपलब्ध है। रविकान्त जी व विनीत कुमार द्वारा संपादित यह विशेषांक आपको न्यू मीडिया/सोशल मीडिया को लेकर एक बेहतर समझ विकसित करने में मदद करेगा. साथ ही इस विशेषांक के माध्यम से आप सोशल मीडिया पर लिखी गई बहुत सी बढ़िया किताबों के बारे में भी जान सकेंगे. विशेषांक प्राप्त करने के लिए हमें संपर्क करें. Share this…Facebook
NAVRATAN –
हंस … सिर्फ पत्रिका नहीं …एक साहित्यिक मुहिम है …जो प्रेमचंद से शुरु हुई … राजेन्द्र यादव के समय फैली …और आज भी उसी यति गति से फल फूल रही है …जन चेतना की इस महायात्रा के साक्षी , व कर्मठ टीम सदस्यों को अनेकानेक शुभकामनाएं …
pammisingh70ps –
मील का पत्थर साबित करती पत्रिका..शुभकामनाएँँ।
K Yash Rai –
The first issue of Hans(English) is a surprising gift to the readers. The selection of stories is really a wonderful job of the editor who has well read the pulse of the readers. The translations are immaculate and read well. My congratulations to the management. –K Yash Rai