Additional information
डाक माध्यम | रजिस्टर्ड डाक सेवा, साधारण डाक सेवा |
---|---|
सदस्यता अवधि | 1.वार्षिक सदस्यता, 2.द्विवर्षीय सदस्यता, 3.त्रिवर्षीय सदस्यता |
सदस्य | नए सदस्य, पुराने सदस्य |
₹900.00 – ₹6,500.00
डाक माध्यम | रजिस्टर्ड डाक सेवा, साधारण डाक सेवा |
---|---|
सदस्यता अवधि | 1.वार्षिक सदस्यता, 2.द्विवर्षीय सदस्यता, 3.त्रिवर्षीय सदस्यता |
सदस्य | नए सदस्य, पुराने सदस्य |
प्रेमचंद की तरह राजेन्द्र यादव की भी इच्छा थी कि उनके बाद हंस का प्रकाशन बंद न हो, चलता रहे। संजय सहाय ने इस सिलसिले को निरंतरता दी है और वर्तमान में हंस उनके संपादन में पूर्ववत निकल रही है।
संजय सहाय लेखन की दुनिया में एक स्थापित एवं प्रतिष्ठित नाम है। साथ ही वे नाट्य निर्देशक और नाटककार भी हैं. उन्होंने रेनेसांस नाम से गया (बिहार) में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जिसमें लगातार उच्च स्तर के नाटक , फिल्म और अन्य कला विधियों के कार्यक्रम किए जाते हैं.
Reviews
There are no reviews yet.