Additional information
सदस्यता अवधि | 1.वार्षिक सदस्यता, 2.द्विवर्षीय सदस्यता, 3.त्रिवर्षीय सदस्यता, 4.चार वर्षीय सदस्यता, 5.पंचवर्षीय सदस्यता |
---|
₹600.00 – ₹3,000.00
हंस पीडीएफ सदस्यता
हंस पत्रिका अब पीडीएफ रुप में भी उपलब्ध है।अब आप हंस की पीडीएफ सदस्यता लेकर हंस का आनंद उठा सकते हैं। पीडीएफ सदस्यता लेने पर पत्रिका पीडीएफ रुप में आपकी इमेल आइडी पर हर माह प्राप्त होती रहेगी।अब हंस कहीं भी, कभी भी…
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
ईमेल- hanshindi749@gmail.com
दूरभाष- 9560685114, 41050047
पीडीएफ(व्यक्तिगत)/ (संस्थागत) पांच वर्ष की सदस्यता लेने पर 200 रु. बचाएं। इस ऑफर को प्राप्त करने के लिए सदस्यता लेते समय कूपन कोड- Member 5 का इसतेमाल करें। कोड लगाते ही, आपकी कुल राशि में से 200 रु. कम हो जाएंगें।
अधिक जानकारी के लिए कॉल करें- 9560685114
सदस्यता अवधि | 1.वार्षिक सदस्यता, 2.द्विवर्षीय सदस्यता, 3.त्रिवर्षीय सदस्यता, 4.चार वर्षीय सदस्यता, 5.पंचवर्षीय सदस्यता |
---|
शोभा अक्षर, ‘हंस’ से दिसम्बर, 2022 से जुड़ी हैं। पत्रिका के सम्पादन सहयोग के साथ-साथ आप पर संस्थान के सोशल मीडिया कंटेंट का भी दायित्व है। सम्पादकीय विभाग से जुड़ी गतिविधियों का कार्य आप देखती हैं।
आप इनसे निम्नलिखित ईमेल एवं नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं :
ईमेल : editorhans@gmail.com
फ़ोन न : 011-41050047
प्रेमचंद की तरह राजेन्द्र यादव की भी इच्छा थी कि उनके बाद हंस का प्रकाशन बंद न हो, चलता रहे। संजय सहाय ने इस सिलसिले को निरंतरता दी है और वर्तमान में हंस उनके संपादन में पूर्ववत निकल रही है।
संजय सहाय लेखन की दुनिया में एक स्थापित एवं प्रतिष्ठित नाम है। साथ ही वे नाट्य निर्देशक और नाटककार भी हैं. उन्होंने रेनेसांस नाम से गया (बिहार) में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जिसमें लगातार उच्च स्तर के नाटक , फिल्म और अन्य कला विधियों के कार्यक्रम किए जाते हैं.
Reviews
There are no reviews yet.