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Month | a.जनवरी |
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Year | 2015 |
₹30.00
हंस मासिक पत्रिका अब पीडीएफ रुप में भी उपलब्ध है।अब आप हंस के किसी भी अंक के पीडीएफ को डाउनलोड कर तुरंत पढ़ सकते हैं।राशि का भुगतान होने के बाद अंक का लिंक आपके अकाउंट में हमेशा रहेगा, आप जब चाहें इसे डाउनलोड कर पढ़ सकते हैं। अब हंस कहीं भी, कभी भी…
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Month | a.जनवरी |
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Year | 2015 |
प्रेमचंद की तरह राजेन्द्र यादव की भी इच्छा थी कि उनके बाद हंस का प्रकाशन बंद न हो, चलता रहे। संजय सहाय ने इस सिलसिले को निरंतरता दी है और वर्तमान में हंस उनके संपादन में पूर्ववत निकल रही है।
संजय सहाय लेखन की दुनिया में एक स्थापित एवं प्रतिष्ठित नाम है। साथ ही वे नाट्य निर्देशक और नाटककार भी हैं. उन्होंने रेनेसांस नाम से गया (बिहार) में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जिसमें लगातार उच्च स्तर के नाटक , फिल्म और अन्य कला विधियों के कार्यक्रम किए जाते हैं.
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