1. एक चट्टान गिरती है खामोशी की नीं
एवं विशेष जूरी सम्मान से सम्
2. माँ का कमरा , कंपनी की बीवी – जयश्री रॉय , प्रमोद राइ ( संयुक्त )- 2021
3. प्रीति प्रकाश, कामेश्वर ( संयुक्त ) – 2020
4. अनिल यादव – 2019
5. बारिश के देवता – प्रत्यक्षा – 2018
6. कैलाश वानखेड़े -2017
7. योगिता यादव , पंकज सुबीर ( संयुक्त )- 2016
8. प्रकृति करगेती -2015
9. आकांक्षा पारे , टेकचंद ( संयुक्त ) – 2014
10. किरण सिंह – 2013
शोभा अक्षर, ‘हंस’ से दिसम्बर, 2022 से जुड़ी हैं। पत्रिका के सम्पादन सहयोग के साथ-साथ आप पर संस्थान के सोशल मीडिया कंटेंट का भी दायित्व है। सम्पादकीय विभाग से जुड़ी गतिविधियों का कार्य आप देखती हैं।
आप इनसे निम्नलिखित ईमेल एवं नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं :
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प्रेमचंद की तरह राजेन्द्र यादव की भी इच्छा थी कि उनके बाद हंस का प्रकाशन बंद न हो, चलता रहे। संजय सहाय ने इस सिलसिले को निरंतरता दी है और वर्तमान में हंस उनके संपादन में पूर्ववत निकल रही है।
संजय सहाय लेखन की दुनिया में एक स्थापित एवं प्रतिष्ठित नाम है। साथ ही वे नाट्य निर्देशक और नाटककार भी हैं. उन्होंने रेनेसांस नाम से गया (बिहार) में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जिसमें लगातार उच्च स्तर के नाटक , फिल्म और अन्य कला विधियों के कार्यक्रम किए जाते हैं.