इवेंट मैनेजमेन्ट कम्पनी
इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी (लघुकथा) वो पढ़ा लिखा था ,दिल्ली में एक वाइट कालर जॉब के लिये एक मुद्दत से प्रयासरत था ।शाहदरा से रोहिणी तक उसने अपना बॉयोडाटा दे रखा था नौकरियों के लिये।सुबह वो आनन्द विहार से मेट्रो पकड़ लेता था और गुड़गांव तक जाता था बाज़ार की हर जरूरत के अनुसार उसने ट्रेनिंग ली थी ,अंग्रेजी बोलने से लेकर कंप्यूटर पर काम करने तक लेकर।।मगर दिल्ली में नौकरियां रहीं ही नहीं थीं , ब्लू कॉलर वाले जॉब निकल रहे थे ,कामगारों के लिये ही रोजगार थे ,डिग्री वाले बेकार थे ,,दिल्ली में नौकरियां थीं ही नहीं लेकिन नौकरियों के तलबगार बेइन्तहा थे।हरिओम ने घर घर जाकर ट्यूशन पढ़ाने के लिये प्रयास किये लेकिन दिल्ली में बच्चों पर बढ़ते
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