प्रेमचंद जयंती समारोह – 2019
प्रेमचंद की 149वीं जयंती के अवसर पर हंस पत्रिका ने अपना 34 वां वार्षिक आयोजन ऐवान- ए- ग़ालिब सभागार, नई दिल्ली में आयोजित किया। समारोह का विषय ,’राष्ट्र की पहेली और पहचान का सवाल’ था। कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए हरतोष सिंह बल ने कहा कि अगर हम अपनी पहचान का विश्लेषण कर सकेंगे तो राष्ट्र के परिभाषा की पहेली अपने आप सुलझ जाएगी। हमें ये समझना होगा कि हम अपनी पहचान से राष्ट्र को नहीं जोड़ सकते लेकिन अपनी पहचान को राष्ट्र से जरूर जोड़ सकते हैं। मसलन जैसे मैं जाट हूं, मैं पंजाबी हूं या सिख हूँ तो इसका मतलब यह हुआ कि पंजाबी मेरी भाषा है और मैं हिंदू धर्म के दायरे से बाहर खड़ा हुआ हूं।
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